आदर्श नारियाँ : राजमाता जीजाबाई

आदर्श नारियाँ : राजमाता जीजाबाई

उपनाम : जीजामाता जन्मस्थल : महाराष्ट्र
मृत्युस्थल : महाराष्ट्र आन्दोलन : मराठा संग्राम

जन्म और पारिवारिक जीवन : मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी राजा भोसलेकी माता जीजाबाईका जन्म सिंदखेड गांव में हुआ था । यह स्थान वर्तमानमें महाराष्ट्रके विदर्भ प्रांतमें बुलढाणा जिलेके मेहकर जनपदके अन्तर्गत आता है । उनके पिताका नाम लखुजी जाधव तथा माताका नाम महालसाबाई था । जीजाबाई उच्चकुलमें उत्पन्न असाधारण प्रतिभाशाली स्त्री थीं । जीजाबाई जाधव वंशकी थीं और उनके पिता एक शक्तिशाली सामन्त थे । जीजाबाईका विवाह शाहजीके साथ अल्प आयुमें ही हो गया था । उन्होंने राजनीतिक कार्योंमें सदैव अपने पतिका साथ दिया । शाहजीने तत्कालीन निजामशाही सल्तनतपर मराठा राज्यकी स्थापनाका प्रयास किया । परंतु वे मुगलों और आदिलशाहीके संयुक्त बलोंसे हार गए थे । संधिके अनुसार उनको दक्षिण जानेके लिए बाध्य किया गया था । उस समय शिवाजीकी आयु मात्र १४ सालकी थी अतः वे मांके साथ ही रहे । बडे बेटे संभाजी अपने पिताके साथ गए । जीजाबाईका पुत्र संभाजी तथाउनके पति शाहजी अफजल खानकेसाथ एक युद्धमें वीरगतिको प्राप्त हुए । शाहजीकी मृत्यु होनेपर जीजाबाई ने सती (अपने आप को पति की चिता में जल द्वारा आत्महत्या) होने का प्रयत्न किया, परंतु शिवाजीने अपने अनुरोधसे उन्हें ऐसा करनेसे रोक दिया । प्रेरक मातृत्व वीर माता जीजाबाई छत्रपति शिवाजीकी माता होनेके साथ- साथ उनकी मित्र, मार्गदर्शक और प्रेरणास्त्रोत भी थीं । उनका सारा जीवन साहस और त्यागसे पूर्ण था । उन्होंने जीवन भर कठिनाइयों और विपरीत परिस्थितियोंको झेलते हुए भी धैर्य नहीं खोया और अपने पुत्र ‘शिवा’ को वे संस्कार दिए, जिनके कारण वह आगे चलकर हिंदू समाजके संरक्षक ‘छात्रपति शिवाजी महाराज’ बने । शिवाजी महाराज के चरित्र पर माता- पिता का बहुत प्रभाव पडा । बचपन से ही वे उस युग के वातावरण और घटनाओंको भली प्रकार समझने लगे थे ।

 

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