कान्हा पिचकारी मत मार मेरे घर सास लड़ेगी रे। सास लड़ेगी रे मेरे घर ननद लड़ेगी रे।

कान्हा पिचकारी मत मार मेरे घर सास लड़ेगी रे।
सास लड़ेगी रे मेरे घर ननद लड़ेगी रे।
सास डुकरिया मेरी बड़ी खोटी,
गारी दे न देगी मोहे रोटी,
दोरानी जेठानी मेरी जनम की बेरन,
सुबहा करेगी रे।
कान्हा पिचकारी मत मार…

जा जा झूठ पिया सों बोले,
एक की चार चार की सोलह,
ननद बड़ी बदमास,
पिया के कान भरेगी रे।
कान्हा पिचकारी मत मार…

कछु न बिगरे श्याम तिहारो,
मोको होयगो देस निकारो,
ब्रज की नारी दे दे कर
मेरी हँसी करेगी रे।
कान्हा पिचकारी मत मार…

हा हा खाऊं पडूँ तेरे पैयां,
डारो श्याम मती गलबैयां,
भक्त मोतिन की माला
टूट पड़ेगी रे ।
कान्हा पिचकारी मत मार…

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